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Budget 2023: इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा ऐलान, सरकार ने खर्च बढ़ाकर 10 लाख करोड़

Budget 2023

Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का बजट पेश कर रही हैं. मोदी सरकार के दूसरे (Modi Govt) कार्यकाल का ये आखिरी पूर्ण बजट है. इस बजट में वित्त मंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई बड़े ऐलान किए हैं.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmla Sitharaman) संसद में देश का बजट (Union Budget 2023) पेश कर रही हैं. अपने बजट भाषण में उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) के मोर्चे पर बड़े ऐलान किए हैं. उन्होंने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पूंजी निवेश 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा. सरकार ने रेलवे क्षेत्र के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का पूंजी परिव्यय (capital outlay) प्रदान किया है. यह 2013-14 के बजट से नौ गुना अधिक है.

इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कि सड़कों एवं राजमार्गों, रेलवे, आवासन और शहरी कार्य पर विशेष जोर देने के लिए पूंजीगत व्‍यय में बढ़ोतरी हुई है. ये सीधे तौर पर देश के आर्थिक विकास को प्रभावित करते हैं.

पूंजीगत व्‍यय पर जोर


बीते दिन आर्थिक सर्वे में सरकार ने बताया था कि चालू वित्त वर्ष के दौरान राजस्‍व व्‍यय की आवश्‍यकता काफी अधिक रहने के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से पूंजीगत व्‍यय (कैपेक्‍स) पर निरंतर विशेष जोर दिया जाता रहा है. केंद्र सरकार का पूंजीगत व्‍यय जीडीपी के 1.7 प्रतिशत के दीर्घकालिक वार्षिक औसत (वित्त वर्ष 2009 से वित्त वर्ष 2020 तक) से निरंतर बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में जीडीपी का 2.5 प्रतिशत हो गया है.

सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का 2017-18 में बजटीय आवंटन 59,636 करोड़ रुपये रहा था. इसके बाद इसमें साल दर साल बढ़ोतरी हुई और 2022-23 में ये 1,99,108 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. बीते दिन आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों के निर्माण में तेजी आई है. वित्त वर्ष 2016 के 6061 किलोमीटर की तुलना में वित्त वर्ष 2022 के दौरान 10,457 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों/सड़कों का निर्माण किया गया है.

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा था नेशनल हाईवे नेटवर्क में पिछले आठ वर्षों के दौरान 55 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने बताया था कि सरकार भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 550 जिले को हाइवे से जोड़ने के प्लान पर काम कर रही है. इकोनॉमिक कॉरिडोर की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी.

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