Mahashivratri 2024: हिंदू त्योहार, महाशिवरात्रि प्रतिवर्ष भगवान शिव के सम्मान में फरवरी और मार्च के बीच मनाया जाता है। यह त्यौहार फाल्गुन माह जिसे माघ भी कहा जाता है, के कृष्ण पक्ष के चौदहवें दिन मनाया जाता है। इस साल 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि शिव और पार्वती के विवाह और उस क्षण का सम्मान करती है जब शिव नृत्य करते हैं, जिसे तांडव कहा जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, यह अवसर अस्तित्व और ब्रह्मांड में “अंधेरे और अज्ञान पर काबू पाने” का प्रतीक है। आइए महाशिवरात्रि अनुष्ठान, भोग, पूजा विधि और पूजा सामग्री के बारे में और जानें।
महाशिवरात्रि 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2024 Shubh Muhurat)
प्रथम प्रहर में पूजा समय 8 मार्च की शाम 06.25 मिनट से रात्रि 09.28 मिनट तक है. दूसरे प्रहर में पूजा का समय रात 09.28 मिनट से 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 बजे तक है. वहीं तीसरे प्रहर में पूजा का समय 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 मिनट से प्रातः 03.34 मिनट तक है. जबकि चतुर्थ प्रहर पूजा समय 9 मार्च को ही प्रातः 03.34 मिनट से सुबह 06.37 मिनट तक है.
महाशिवरात्रि का महत्व (Significance of Mahashivratri)
महाशिवरात्रि शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्योहार होता है. इस दिन शंकर भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त व्रत रख उनकी खास पूजा-अर्चना करते हैं. महिलाओं के लिए महाशिवरात्रि का व्रत बेहद ही फलदायी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि का व्रत रखने से अविवाहित महिलाओं का विवाह जल्दी होता है. इस दिन व्रत रखकर पूजा-पाठ करने से विवाह में आ रही सारी अड़चनें दूर हो जाती हैं.
Mahashivratri 2024 Puja Samagri
अनुष्ठानों में भगवान शिव को याद करते हुए प्रार्थना करना और उपवास करना शामिल है और वे ईमानदारी, दूसरों को क्षमा करना, दान और शिव की खोज जैसे नैतिकता और गुणों को प्रतिबिंबित करते हैं।
इस अवसर पर भोले शंकर के सम्मान में बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार का फूल, सफेद चंदन, सफेद फूल, गंगा जल और गाय का दूध चढ़ाया जाता है। कहा जाता है कि यदि भक्त महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं और शिव और पार्वती की पूजा करते हैं तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। संतों का कहना है कि भगवान शिव एक लोटा जल और बेलपत्र से ही संतुष्ट हो जाते हैं, इसके अलावा अन्य प्रसाद और प्रसाद भी हैं जो भगवान शिव को चढ़ाए जाते हैं, जिससे व्यक्तियों को महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
ऐसे बनाएं साबूदाने की खीर
खीर बनाने से लगभग 15 मिनट पहले साबूदाना को पानी में भिगो दें। पैन में दूध उबलने के लिए रख दें। एक उबाल आने के बाद इसमें चीनी मिलाएं और साथ ही इलायची पाउडर भी। इसके बाद इसमें भिगोया हुआ साबूदाना मिलाएं और लगभग 5-10 मिनट उबलने दें। इससे साबूदाना दूध को एब्जॉर्ब कर अच्छे से फूल जाएगा। लगभग 1 कप पानी भी डाल दें। इस तरह तैयार है साबूदाने की टेस्टी खीर।
साबूदाना खीर की रेसिपी
चावल जितनी ही टेस्टी होती है साबूदाने की खीर। साथ ही ये झटपट से तैयार भी हो जाती है।
सामग्री– 1 कप साबूदाना, 1 लीटर दूध, 1 ½ कप चीनी या गुड़, 4 इलायची
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ऐसे बनाएं साबूदाने की खीर
– बनाने से लगभग 15 मिनट पहले साबूदाना को पानी में भिगो दें।
– पैन में दूध उबलने के लिए रख दें। एक उबाल आने के बाद इसमें चीनी मिलाएं और साथ ही इलायची पाउडर भी।
– इसके बाद इसमें भिगोया हुआ साबूदाना मिलाएं और लगभग 5-10 मिनट उबलने दें। इससे साबूदाना दूध को एब्जॉर्ब कर अच्छे से फूल जाएगा। लगभग 1 कप पानी भी डाल दें।
– तैयार है साबूदाने की टेस्टी खीर।
साबूदाने की अन्य रेसिपीज़
खीर के अलावा आप साबूदाने की खिचड़ी, थालीपीठ, वडे बनाकर भी खा सकते हैं। इससे बनने वाली हर एक डिश लाजवाब लगती है।
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