Milk Price Hike: दूध की बढ़ती कीमतों का असर आम लोगों पर अब साफ देखा जा सकता है। खुदरा बाजार में दूध की कीमतें पिछले एक साल में 15% बढ़ी हैं, जो एक दशक में सबसे तेज वृद्धि है। जानकारों का मानना है कि इस गर्मी में दूध के दाम और बढ़ सकते हैं।
पिछले साल .89 लाख मवेशियों की मौत हुई थी(Milk Price Hike)
सचिव के अनुसार, पिछले साल गांठदार त्वचा रोग के प्रभाव की वजह से 1.89 लाख मवेशियों की मौत और दूध की मांग में महामारी के बाद के उछाल के कारण देश का दूध उत्पादन स्थिर रहा. सिंह ने कहा, “मवेशियों पर गांठदार त्वचा रोग का प्रभाव इस हद तक महसूस किया जा सकता है कि कुल दूध उत्पादन में थोड़ा ठहराव रहा. आमतौर पर दूध उत्पादन सालाना छह फीसदी की दर से बढ़ रहा है. हालांकि, इस साल (2022-23) यह कम(Milk Price Hike) होगा. या तो स्थिर रहे या 1-2 फीसदी की दर से बढ़े.”
देश में बेतहाशा बढ़े दूध के दाम
हाल में अमूल ब्रांड ने दूध(Milk Price Hike) की कीमतों में कई बार बढ़ोतरी की है। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) का कहना है कि किसानों को उनकी उत्पादन लागत से अधिक कीमत चुकाने के लिए खुदरा कीमतों में कई बार वृद्धि की गई।
फरवरी में अमूल ने दूध की कीमतों में 3 रुपये की वृद्धि की, जो एक वर्ष में की जाने वाली पांचवीं वृद्धि थी। एक लीटर फुल क्रीम दूध अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 66 रुपये में बिकता है, जबकि टोन्ड मिल्क की कीमत 54 रुपये है। दूध(Milk Price Hike) में खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में 9.65% बढ़ी, जो पिछले महीने 8.79% थी। ये अनाज के बाद किसी चीज में होने वाली सबसे बड़ी वृद्धि है।
चारे की कीमत में बढ़ोतरी से दूध महंगा हुआ है
सिंह ने कहा कि चूंकि सरकार सहकारी क्षेत्र के दूध उत्पादन के आंकड़ों को ध्यान में रखती है, न कि पूरे निजी और असंगठित क्षेत्र का, इस कारण ‘‘हम मानते हैं कि दूध उत्पादन में ठहराव रहेगा.’’ उन्होंने कहा कि सही मायने में चारे की कीमतों में जो वृद्धि हुई है उसके कारण दूध की महंगाई बढ़ी है.
उन्होंने कहा कि चारे की आपूर्ति में समस्या है क्योंकि पिछले चार वर्षों में चारे की फसल का रकबा भी स्थिर रहा है, जबकि डेयरी क्षेत्र सालाना छह फीसदी की दर से बढ़(Milk Price Hike) रहा है. भारत ने आखिरी बार वर्ष 2011 में डेयरी उत्पादों का आयात किया था.
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