Finland NATO News: फ़िनलैंड आज दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल हो गया, जिसे रूस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस ऐतिहासिक घटना की आहट यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के समय से ही सुनाई दे रही थी। दस्तावेजों को सौंपने के साथ, नॉर्डिक राष्ट्र आधिकारिक तौर पर दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन का सदस्य बन गया। फ़िनलैंड की सदस्यता यूरोप के सुरक्षा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है। द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ द्वारा अपनी हार के बाद देश ने तटस्थता अपनाई, लेकिन इसके नेताओं ने संकेत दिया कि वे मॉस्को के यूक्रेन पर आक्रमण के कुछ महीने बाद नाटो गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं।
पुतिन की हार है फिनलैंड की नाटो सदस्यता(Finland NATO News)
पुतिन के विरोधी रहे और रूस में विपक्ष के पूर्व नेता सर्गेई बिजिउकिन ने कहा था कि यह रूस की हार का प्रतीक है। सीधे तौर पर कहा जाए तो पुतिन एक बहुत बड़ी जंग हार चुके हैं। बिजिउकिन 2019 में पुतिन के डर से रूस छोड़ देश से फरार हो गए थे। कुछ साल पहले तक सभी सैन्य विशेषज्ञ नाटो को शीत युद्ध(Finland NATO News) के अवशेष के तौर पर देखते थे। उनका मानना था कि नाटो अब खत्म हो चुका है।
सिर्फ अमेरिका की जिद के कारण यह सैन्य संगठन जिंदा है। लेकिन, यूक्रेन पर रूस के हमले ने Finland NATO News को ऑक्सीजन प्रदान की और यह संगठन अब दौड़ने लगा है। रूस को अधिकतर यूरोपीय देश अब खतरे के तौर पर देख रहे हैं। यही कारण है कि शीत युद्ध के समय से ही तटस्थ रहा फिनलैंड अब नाटो का सदस्य बन चुका है।
सैन्य अभ्यास आयोजित करने की संभावना से इनकार नहीं
फिनलैंड की मेंबरशिप तब आधिकारिक हो गई, जब इसके विदेश मंत्री ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को प्रक्रिया को पूरा करने वाले डॉक्युमेंट्स सौंपे. नाटो की मेंबरशिप से संबंधित डॉक्युमेंट्स अमेरिकी विदेश विभाग(Finland NATO News) के पास रहते हैं. ऐतिहासिक प्रक्रिया के पूरा होने से पहले नाटो महासचिव जनरल जेन स्टोलटेनबर्ग ने ब्रसेल्स में नाटो मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, फिनलैंड की सहमति के बिना फिनलैंड में और नाटो सैनिक नहीं भेजे जाएंगे. हालांकि, उन्होंने वहां और अधिक सैन्य अभ्यास आयोजित करने की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि नाटो रूस की मांगों को संगठन के निर्णयों को निर्धारित करने की अनुमति नहीं देगा.
हाइलाइट्स
- नाटो का 31वां सदस्य बना रूस का पड़ोसी नाटो
- फिनलैंड की नाटो सदस्यता पुतिन के लिए बड़ा झटका
- फिनलैंड को अंजाम भुगतने की धमकी दे चुका है रूस
फिनलैंड को पहले ही धमकी दे चुका है रूस
रूस शुरू से ही फिनलैंड के नाटो में शामिल होने का विरोध करता रहा है। यूक्रेन पर आक्रमण का कारण भी उसका नाटो में शामिल होना ही था। रूस ने चेतावनी दी है कि फिनलैंड की नाटो सदस्यता से पैदा हुए खतरे से निपटने के लिए उसे प्रतिरोधी उपाय करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। रूस ने यह भी कहा है कि अगर नाटो अपने 31वें सदस्य देशों(Finland NATO News) में सैनिको और हथियारों की तैनाती करता है, तो वह भी फिनलैंड की सीमा के नजदीक अपनी सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाएगा।
कैसे बढ़ी नाटो की ताकत
नाटो का गठन शीत युद्ध की शुरुआत में 4 अप्रैल 1949 को किया गया था। तब नाटो के सदस्य देशों की संख्या सिर्फ 12 थी। इसके गठन का मुख्य उद्देश्य तत्कालीन सोवियत संघ के खतरे से मित्र देशों की रक्षा करना था। 1991 में सोवियत संघ(Finland NATO News) के पतन के बाद नाटो की सदस्य संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई। कभी सोवियत संघ के सैटेलाइट स्टेट रहे 11 देश और तीन पूर्व सोवियत देश नाटो में शामिल हुए। इससे नाटो के सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 26 हो गई।
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