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Ganesh Sthapna Vidhi 2023: गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान पौराणिक मंत्रों के जाप ऐसे करे, पढ़ें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Ganesh Sthapna Vidhi 2023

Ganesh Sthapna Vidhi 2023: गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान पौराणिक मंत्रों के जाप के साथ पूरे सोलह विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिसे विनायक चतुर्थी पूजा के रूप में भी जाना जाता है. सभी 16 अनुष्ठानों के साथ देवी-देवताओं की पूजा करना षोडशोपचार पूजा (षोडशोपचार पूजा) के रूप में जाना जाता है. हालांकि गणेश पूजा प्रातःकाल, मध्याह्नकाल और सायंकाल के दौरान की जा सकती है लेकिन गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान मध्याह्नकाल को प्राथमिकता दी जाती है.

Ganesh Sthapna Vidhi 2023: गणेश चतुर्थी पूजा

Ganesh Sthapna Vidhi

यदि आपके घर में भगवान गणेश स्थापित हैं और उनकी प्रतिदिन पूजा की जाती है तो आवाहन और प्रतिष्ठापन को छोड़ देना चाहिए क्योंकि ये दोनों अनुष्ठान भगवान गणेश की मिट्टी या धातु से बनी नई खरीदी गई मूर्तियों(Ganesh Chaturthi) के लिए किए जाते हैं. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि घर पर पहले से स्थापित भगवान गणेश(Ganesh Sthapna Vidhi) की प्रतिमा का विसर्जन नहीं किया जाता है, बल्कि पूजा के अंत में उत्थापन किया जाता है.

स्थापना शुभ मुहूर्त:

द्रिक पंचांग के अनुसार गणेश स्थापना का शुभ समय सुबह 11:01 बजे से दोपहर 1:43 बजे तक रहेगा. गणेश चतुर्थी मनाने का शुभ मुहूर्त 18 सितंबर को दोपहर 02:09 बजे शुरू होगा और 19 सितंबर को दोपहर 03:13 बजे समाप्त होगा. चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे से 19 सितंबर को दोपहर 1:43 बजे तक है.

गणेश चतुर्थी 2023 नियम:

गणेश चतुर्थी मनाते समय भक्तों को कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए. उन्हें जानने के लिए पढ़ें.

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1) भक्तों को गणेश चतुर्थी के दिन गणेश स्थापना से पहले पूजा क्षेत्र और अपने घर को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए.

2) कोई भी अपने घर के अंदर पूजा स्थल को फूलों, रंगोली और पारंपरिक सजावट से सजा सकता है.

3) भक्तों को भगवान गणेश की मूर्ति को 1, 3, 7, या 10 दिनों के लिए घर ले जाना चाहिए और एक साफ, सजाए गए मंच पर रखना चाहिए.

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4) 7) भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते समय शुभ दिशा पूर्व, पश्चिम या उत्तर पूर्व है.

5) भगवान गणेश की मूर्ति रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनकी सूंड दाईं ओर न हो. यह उसके जिद्दी रवैये को दर्शाता है या कठिन समय का संकेत देता है. सूंड को हमेशा बाईं ओर रखा जाना चाहिए – जो सफलता और सकारात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है.

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