Diwali 2023 Daan: रोशनी का महापर्व दिवाली, हिंदू संस्कृति और परंपरा में एक विशेष स्थान रखता है। दिवाली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की आध्यात्मिक विजय का प्रतिनिधित्व करती है। आपके उत्सवों को समृद्ध बनाने के लिए इस गाइड में दिवाली 2023 की तैयारियों, अनुष्ठानों, समारोहों और मुहूर्त को शामिल किया गया है।
Diwali Date 2023 and Laxmi Puja Muhurat(Diwali 2023 Daan)
Here are the Shubh Muhurat timings for Lakshmi Pujan on Diwali in 2023:
The Day is Sunday
Diwali 2023 Date: November 12th, 2023
Amavasya Tithi Start- 02:44 PM on November 12, 2023
Amavasya Tithi Ends – 02:56 PM on November 13, 2023
अन्न दान करना होता है शुभ
दान करना पुण्य का काम है। व्यक्ति को अपनी जिंदगी में कभी न कभी दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करना शुभ होता है। हालांकि, दिवाली के दिन दान की महत्वता और बढ़ जाती है। कहते हैं दिवाली के दिन अन्न दान करने से व्यक्ति की मनोकामना पूरी हो सकती है। साथ ही पुण्य फल की भी प्राप्ति होती है।
वस्त्र दान करें
दिवाली के खास मौके पर जरूरतमंद को वस्त्र दान करने से व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि(Diwali Puja Vidhi) होती है। ऐसा माना जाता है कि वस्त्र दान करने से हमारे देवी-देवता भी बेहद प्रसन्न होते हैं।
पानी का दानृ
व्यक्ति को पानी का दान बिना जगजाहिर किए करना चाहिए। वैदिक ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति दीपावली के दिन पानी का दान करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ये रहे गौमती चक्र के अचूक उपाय
दीपावली के दिन अगर आप किसी भी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति पाना चाहते हैं तो दिवाली पर पांच या सात गौमती चक्र लेकर सिर पर से घुमा जल में प्रवाहित कर दें या फिर उन्हें होली में जला दें।
अगर आप रूकी हुई लक्ष्मी वापस पाना चाहते हैं तो इस दिन दीपावली के दिन श्री सूक्त का पाठ अवश्य करें।
स्थिर लग्न में भूलकर भी न करें पूजन
लक्ष्मी पूजन कभी भी स्थिर लग्न में नहीं करना चाहिए। इस लग्न में पूजन करने से लक्ष्मी(Diwali Puja Vidhi) जी आती—जाती रहती हैं। जबकि चर और शुभ लग्न में किया गया पूजन मां लक्ष्मी के लिए बेहद खास माना जाता है। पंडित सनत कुमार खम्परिया की मानें तो इस मुहूर्त में पूजन करने से पैसे का टर्न ओवर बना रहता है।
भगवान विष्णु के लिए है शुभ होता है स्थिर लग्न
स्थिर लग्न भगवान विष्णु के पूजन के लिए खास माना जाता है। इस पूजन में अगर विष्णु का पूजन किया जाए तो विष्णु जी हर मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
महा अमृत मुहूर्त में हुआ था मां लक्ष्मी का जन्म
वैसे तो लक्ष्मीजी का पूजन चर और अमृत खास माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित सनत कुमार खम्परिया के अनुसार मां लक्ष्मी का जन्म रात 11:45 बजे हुआ था। इसलिए इसे महा अमृत मुहूर्त कहा जाता है इस समय किया गया पूजन सबसे ज्यादा खास माना जाता है।
2023 Diwali Puja Vidhi: Step-by-step Guide
Here are the main steps for performing Diwali puja at home:
- एक दिन पहले ही अपने घर को अच्छी तरह साफ कर लें और रंगोली(Diwali Puja Vidhi), फूल और दीयों से सजा लें।
- दिवाली पर, अपने दिन की शुरुआत जल्दी उठकर, ताज़ा स्नान करके और नई पारंपरिक पोशाक पहनकर करें।
- रोली, कुमकुम, फूल, अक्षत, मिठाई, फल, सिक्के और एक दीया से पूजा की थाली तैयार करें।
- देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों या चित्रों को एक मेज या मंच पर लाल कपड़े से ढककर रखें।
- दीया जलाएं और प्रार्थना और श्लोकों का उच्चारण करते हुए फूल चढ़ाएं।
- देवताओं को तिलक लगाएं और उन्हें प्रसाद जैसे फल, मिठाई और फूल चढ़ाएं।
- दीये और अगरबत्ती को देवताओं और मेज के चारों ओर घुमाएं।
- विष्णु सहस्रनाम, श्री सूक्त और कनकधारा स्तोत्रम जैसे लक्ष्मी पूजा मंत्रों(Laxmi Puja Muhurat) का जाप करें।
- आरती गाकर और दक्षिणा अर्पित करके पूजा का समापन करें।
- प्रसाद को परिवार के सदस्यों में वितरित करें और देवताओं को चढ़ाने से पहले इसका सेवन न करें।
- शाम के समय देवी लक्ष्मी को आमंत्रित करने के लिए घर के चारों ओर दीये जलाएं।
- आतिशबाजी के चकाचौंध प्रदर्शन के साथ अंधेरे पर प्रकाश की जीत का जश्न मनाएं।