Delhi-Meerut Road Accident के मृतकों का 7 घंटे में पोस्टमार्टम, शवों को देख कांपे फॉरेंसिक एक्सपर्ट के हाथ

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Delhi-Meerut Road Accident: आठ साल की वंशिका के शव का पोस्टमार्टम करते समय तो उनकी आंखे भर आईं। हिम्मत बांधते हुए पोस्टमार्टम शुरू किया लेकिन फिर भी छह शवों का पोस्टमार्टम करने में सात घंटे लग गए। सामान्य तौर पर एक शव के पोस्टमार्टम में 20 मिनट लगता है। डॉक्टर अनिल ने करीब सवा 12 बजे से पोस्टमार्टम शुरू किए और सात बजे तक प्रक्रिया पूरी हुई।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार को हुए हादसे में मृतकों के शवों का पोसटमार्टम करते समय फॉरेंसिंक एक्सपर्ट डॉ. अनिल कुमार यादव के भी हाथ कांपने लगे।

Delhi-Meerut Road Accident dead 7 hours

उन्होंने बताया कि 2016 में सेवा में आने के बाद से लेकर अब तक 10 हजार से अधिक शवों के पोस्टमार्टम किए लेकिन पहली बार क्षत-विक्षत शवों का पोस्टमार्टम करते समय हाथ कांपने लगे। शवों की पहचान के लिए स्वजनों को बुलाना पड़ा।

किसी के कपड़े और किसी के हाथ-पैरों के माध्यम से पहचान कराई गई। उनका कहना है कि किसी का भी सिर सुरक्षित नहीं था। अधिकांश की मौत हेड इंजरी के चलते ब्रेन शाक से हुई है(Delhi-Meerut Road Accident)।

आठ साल की वंशिका का पोस्टमार्टम करते हुए भर आईं डॉक्टर की आंखें

Delhi Meerut Expressway Accident

आठ साल की वंशिका के शव का पोस्टमार्टम करते समय तो उनकी आंखे भर आईं। हिम्मत बांधते हुए पोस्टमार्टम शुरू किया लेकिन फिर भी छह शवों का पोस्टमार्टम करने में सात घंटे लग गए।

सामान्य तौर पर एक शव के पोस्टमार्टम में 20 मिनट लगता है। डॉक्टर अनिल ने करीब सवा 12 बजे से पोस्टमार्टम शुरू किए और सात बजे तक प्रक्रिया पूरी हुई।

डॉ. अनिल का कहना है कि भगवान ऐसी मौत किसी दुश्मन को भी न दें। भाई,बहन, बेटी, बेटा और पत्नी सभी के होती है। इस सड़क हादसे की सीसीटीवी फुटेज और आंखों के सामने शवों को देखकर दिल दहल गया है(Delhi-Meerut Road Accident:)।

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