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Adani Group 20 हजार करोड़ का FPO वापिस करेगा, RBI ने बैंकों से पूछा-अडाणी ग्रुप को कितना कर्ज दिया

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Adani Group: RBI ने सभी बैंकों से अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) को दिए कर्ज की जानकारी मांगी है। यह खबर देने वाली न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि आरबीआई के अफसरों ने इस पर कमेंट्स करने से इनकार कर दिया। हालांकि, बिना नाम बताए उन्होंने यह जानकारी दी।

FPO रद्द होने के बाद शेयर 10% तक गिरे

Adani Group FPO

फुली सबस्क्राइब्ड FPO के रद्द होने के बाद ग्रुप के शेयर्स में गुरुवार को 10% तक गिरावट देखी जा रही है। लोकसभा और राज्यसभा में इस मामले की जांच की मांग को लेकर हंगामा हुआ। इससे दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। बता दें कि बुधवार देर रात अडाणी ग्रुप ने 20 हजार करोड़ रुपए के फुली सबस्क्राइब्ड FPO को रद्द कर दिया था।

बिजनेस। Adani Group ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक (Follow-On Public) ऑफर को बुधवार के दिन वापिस ले लिया था।

इसके बाद गौतम अडानी ने सामने आकर निवेशकों को समझाया है और FPO को वापस लेने की वजह भी बताई है।

ये FPO 27 जनवरी को 20 हजार करोड़ रुपये के सब्सक्रिप्शन (Subscription) के लिए खुलकर, 31 जनवरी को फुल होकर बंद हो गया था।

कंपनी ने कहा था कि इन्वेस्टर्स का पैसा वापस किया जाएगा। इससे पहले बुधवार को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 26.70% गिरकर 2179.75 पर बंद हुआ था। यही वजह थी कि अडाणी ग्रुप ने FPO वापस लेने का फैसला लिया।

अडाणी खुद सामने आए, निवेशकों को VIDEO संदेश दिया(Adani Group FPO)

गौतम अडाणी ने FPO रद्द करने के बाद एक वीडियो मैसेज दिया। इसमें इन्वेस्टर्स का शुक्रिया अदा किया। कहा, ‘पिछले हफ्ते स्टॉक में हुए उतार-चढ़ाव के बावजूद कंपनी के बिजनेस और उसके मैनेजमेंट में आपका भरोसा हमारे लिए आश्वासन देने वाला है। मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है। बाकी सब कुछ सेकेंडरी है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO वापस ले लिया है। बोर्ड ने महसूस किया कि FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।’

FPO क्या होता है

FPO यानी फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर। यह कंपनी के लिए पैसे जुटाने का एक तरीका है। जो कंपनी पहले से शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है वो निवेशकों के लिए नए शेयर ऑफर करती है। ये शेयर बाजार में मौजूद शेयरों से अलग होते हैं। ज्यादातर ये शेयर प्रमोटर्स जारी करते हैं। FPO का इस्तेमाल कंपनी के इक्विटी बेस में बदलाव करने के लिए होता है।

IPO और FPO में अंतर क्या है?

कंपनियां अपने विस्तार के लिए IPO या FPO का इस्तेमाल करती हैं। इनीशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO के जरिए कंपनी पहली बार बाजार में अपने शेयर्स उतारती है। जबकि FPO में अतिरिक्त शेयर्स को बाजार में लाया जाता है।

अडाणी ग्रुप ने कहा, भविष्य में होने वाले किसी फाइनेंशियल लॉस से इन्वेस्टर्स को बचाने के लिए बोर्ड ने तय किया है कि इस FPO के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे। हम अपने लोगों को रिफंड देने के लिए अपने बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (BRLM) के साथ काम कर रहे हैं। हमारी बैलेंस शीट इस समय बहुत मजबूत है। हमारा कैश फ्लो और एसेट सिक्योर है। साथ ही कर्ज चुकाने का हमारा रिकॉर्ड सही रहा है।

हमारे इस फैसले से हमारे मौजूदा ऑपरेशंस और भविष्य की हमारी योजनाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम लॉन्ग टर्म वैल्यू क्रिएशन पर फोकस रखना जारी रखेंगे और हमारी ग्रोथ आंतरिक संसाधनों से मैनेज की जाएगी। जैसे ही बाजार स्थिर होगा हमारी कैपिटल मार्केट स्ट्रेटजी का रिव्यू करेंगे। हमें पूरा भरोसा है कि हमें आपका सहयोग मिलता रहेगा। हम पर भरोसा रखने के लिए धन्यवाद।’

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