Parag Desai Wagh Bakri Dog Attack: वाघ बकरी के मालिक Parag Desai का 49 साल की उम्र में निधन हो गया। मामला कुत्तों के हमले से जुड़ा हुआ था। लेकिन, कैसे ये ब्रेन हैमरेज का कारण बना जानते हैं इस एक्सपर्ट की राय।
Parag Desai Wagh Bakri Dog Attack
वाघ बकरी के मालिक Parag Desai का रविवार को 49 साल की उम्र में निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुबह जह वे पार्क में वॉक करने गए तो उन पर कुछ स्ट्रीट डॉग्स ने हमला कर दिया। हमले के बाद वह अस्पताल में इलाज करा रहे थे और फिर उनकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उन्हें कुत्ते के काटने के बाद मस्तिष्क में ब्लीडिंग हुई और वे ब्रेन हेमरेज (brain hemorrhage) के शिकार हो गए। हालांकि, PubMed की एक रिपोर्ट बताती है कि कुत्ता काटने के बाद अगर रेबीज वायरस फैल जाता है तो ये ब्रेन डैमेज का कारण बन सकता है। फिर भी, स्पष्ट रूप से भी ये नहीं कहा जा सकता है। तो, इस तमाम स्थिति को विस्तार से समझने के लिए हमने Dr. Bhupesh Kumar Senior Consultant-Neurointervention and stroke neurologist, Artemis Hospital Gurgaon से बात की।
क्या है डॉक्टर की राय?(Parag Desai)
Dr. Bhupesh Kumar बताते हैं कि जैसा कि न्यूज में आ रहा है पर हम बिना रिपोर्ट देखे ये नहीं कह सकते कि कुत्ता काटने से ब्रेन हेमरेज हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब तक कुत्ता आपके सिर में, स्कल पर न काट लें ये स्थिति नहीं आती है। दूसरी समझने वाली बात ये है कि पराग देसाई के मामले में ये हो सकता है कि कुत्ता काटने की वजह से या हमले की वजह से वो कहीं गिर गए हों और उनके सिर में तेज चोट आ गई हो। इससे ब्रेन हेमरेज की स्थिति आ गई हो।
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Rabies viral infection हो सकता है कारण
इसके अलावा एक दूसरी स्थिति ये है कि अगर कुत्ते को रेबीज होगा तो शायद ये स्थिति का कारण बन सकता है। दरअसल, रेबीज (Rabies) मस्तिष्क का एक वायरल इंफेक्शन है जो जानवरों से फैलता है और इससे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में सूजन हो जाती है। एक बार जब वायरस रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क तक पहुंच जाता है, तो लगभग घातक होता है। इसे ऐसे समझें कि यह वायरस संक्रमित जानवर(Parag Desai Wagh Bakri Dog Attack) की लार में फैलता है। आमतौर पर काटने वाली जगह से ये रेबीज वायरस नसों के माध्यम से रीढ़ की हड्डी और फिर मस्तिष्क तक जाता है, जहां यह मल्टीप्लाई होता है।
वहां से, यह अन्य तंत्रिकाओं के माध्यम से लार ग्रंथियों और लार में जाता है। एक बार जब रेबीज वायरस रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क तक पहुंच जाता है, तो रेबीज लगभग हमेशा घातक होता है। वायरस को मस्तिष्क तक पहुंचने में आम तौर पर कम से कम 10 दिन लगते हैं, लेकिन ये हर इंसान में अलग हो सकता है। तो, उनका इलाज करने वाला डॉक्टर ही बता सकता है असल में उन्हें ब्रेन हेमरेज कैसे हुआ।
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