Manipur में महिलाओं से बोले- कपड़े उतारो वर्ना मार डालेंगे:4 मई को निर्वस्त्र घुमाया गया, कैसे खुला मामला; पूरी कहानी

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Manipur का एक वीडियो वायरल है, जिसमें भीड़ दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमा रही है। इसे जिसने भी देखा कलेजा कांप गया। पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरा हृदय क्रोध से भरा हुआ है। किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘जो वीडियो हमारे सामने आया है, उससे हम बहुत परेशान हैं।’ ये घटना 4 मई 2023 की है।

पीड़िता की जुबानी: जान बचाने के लिए मैंने कपड़े उतार दिए(Manipur)

मणिपुर Manipur

मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के एक दिन बाद 4 मई को कांगपोकपी जिले के बी फीनोम गांव के पास हमला हुआ था। इस दौरान भीड़ ने तीन कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया। इस दौरान एक महिला के साथ दिनदहाड़े बलात्कार किया गया। इस घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद हर ओर गुस्सा है।

इस वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर ले जाते हुए दिखाया गया है। कई युवा पुरुषों को उनके साथ-साथ चलते देखा जा सकता है, जबकि अन्य पुरुष परेशान दिख रही महिलाओं को खेतों में खींच रहे हैं।

न्यूज वेबसाइट स्क्रॉल ने तीन पीड़ित महिलाओं में से एक महिला से बात की। 40 वर्षीय महिला ने बताया, ‘जब हमने सुना की मैतेई भीड़ पास के गांव में घरों को जला रही है तो हमारा परिवार और अन्य लोग भाग निकले, लेकिन भीड़ ने खोज लिया। हमारे पड़ोसी और बेटे को थोड़ी दूर ले जाकर मार दिया गया। इसके बाद भीड़ ने महिलाओं पर हमला करना शुरू कर दिया और उन्होंने हमसे कपड़े उतारने के लिए कहा।’

FIR के मुताबिक: महिला(Kuki Women) से बलात्कार, बचाने आए भाई की हत्या

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना 4 मई को थौबल जिले में हुई थी और इस मामले में 18 मई को कांगपोकपी जिले में जीरो एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसके बाद मामला थौबल में संबंधित पुलिस स्टेशन को भेज दिया गया।

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अज्ञात बदमाशों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या की धाराओं में FIR दर्ज हुई। हालांकि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी। ढाई महीने बाद वीडियो वायरल हुआ तो 1 गिरफ्तारी की बात सामने आ रही है।

बुधवार यानी 19 जुलाई की शाम एक प्रेस नोट में मणिपुर के पुलिस अधीक्षक के मेघचंद्र सिंह ने कहा कि राज्य पुलिस दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

मणिपुर(Manipur) संघर्ष में महिलाओं का औजार की तरह इस्तेमाल

यह पहली बार नहीं है कि मणिपुर में जारी हिंसा के दौरान महिलाओं को निशाना बनाया गया है। 4 जून को मणिपुर के पश्चिम इंफाल जिले में भीड़ ने एक एंबुलेंस को रास्ते में रोक उसमें आग लगा दी। एंबुलेंस में सवार 8 साल के बच्चे, उसकी मां और एक अन्य रिश्तेदार की मौत हो गई।

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एक अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी की एक घटना के दौरान बच्चे के सिर में गोली लग गई थी। उसकी मां और एक रिश्तेदार उसे इंफाल के अस्पताल ले जा रहे थे। पीड़िता मां मैतेई समुदाय से आती थीं और उनकी शादी एक कुकी से हुई थी।

FIR के मुताबिक(Manipur Violence)…

  • 4 मई की दोपहर करीब 3 बजे करीब 800-1000 लोग कांगपोकपी जिले में स्थित हमारे गांव बी. फीनोम में घुस आए।
  • उनके पास एके-47, एसएलआर, इंसास और .303 राइफल्स जैसे मॉडर्न हथियार थे। उन्होंने घरों में तोड़फोड़ की, घरों का फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, कपड़े और नकदी लूटने के बाद घरों में आग लगा दी।
  • संदेह है कि हमलावर मैतेई युवा संगठन, मैतेई लीपुन, कांगलेइपाक कनबा लुप, अरामबाई तेंगगोल, विश्व मैतेई परिषद और अनुसूचित जनजाति मांग समिति से थे।
  • इस घटना में गांव के पांच लोग शामिल हैं जो जान बचाने के लिए जंगल की ओर भाग रहे थे। इसमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं। उनमें से तीन एक ही परिवार के थे।
  • एक 56 साल का व्यक्ति, उसका 19 साल का बेटा और 21 साल की बेटी। दो अन्य महिलाएं एक 42 साल की और दूसरी 52 साल की भी समूह का हिस्सा थीं।
  • जंगल के रास्ते में उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन की एक टीम ने बचाया। नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से दो किलोमीटर दूर टूबू के पास हिंसक भीड़ ने उन्हें रास्ते में रोक लिया और पुलिस टीम से अपने कब्जे में ले लिया।

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