Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati: पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती इन दिनों काशी प्रवास पर हैं. वाराणसी में रहते हुए वह अपने भक्तों को आशीष भी प्रदान कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने मंच से कई विषयों पर अपनी बातें रखीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि अल्लाह शब्द संस्कृत से लिया गया है. शंकराचार्य ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह व्यक्ति अपना घर भरने वाला नहीं है. उलकी ख्याति चारों तरफ फैल रही है. इसके अलावा वह देश को लूटने वाले नहीं हैं.
Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati
वाराणसी में गोवर्धन पुरी मठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati ने कहा है कि अल्लाह शब्द मातृशक्ति का है। यह संस्कृत का शब्द है। मां दुर्गा का आह्वान करने के लिए अल्लाह शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
अल्लाह और ओम को एक बताने वाले जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी के बयान के जवाब में शंकराचार्य ने ये बातें कहीं।
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि धर्म पर सवाल उठाने वाले लोग पहले संस्कृत-व्याकरण का पठन-पाठन करें। हम सबके पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य ही थे।
हिम्मत है तो बाइबल और कुरान पर कटाक्ष करके दिखाएं
मीडिया से बातचीत में शंकराचार्य ने बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा- उन पर हनुमान जी महाराज की कृपा है। राजनीति में धर्म के इस्तेमाल पर कहा कि दोनों एक-दूसरे से अलग-अलग नहीं हैं। धर्म के बिना राजनीति हो ही नहीं सकती।
Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati ने कहा कि रामचरितमानस पर टिप्पणी करने वाले लोग चाणक्य नीति का अध्ययन करें। जो लोग रामायण को लेकर बात कर रहे हैं, उनमें हिम्मत हो, तो बाइबल और कुरान पर कटाक्ष करके दिखाएं, फिर देखिए क्या होता है।
2024 में भी नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे
#राष्ट्रोत्कर्ष_अभियान_यात्रा
काशी में जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज भव्य स्वागत#हर_हिन्दू_सेना_हो #हर_हिन्दू_सनातनी_हो #पीठपरिषद् #आदित्यवाहिनी #आनन्दवाहिनी #हम_भारत_भव्य_बनाएंगे_हम_हिन्दुराष्ट्र_बनाएंगे #भव्य_भारत_का_निर्माण pic.twitter.com/0L5qZdUweF— Govardhan Math (@govardhanmath) February 20, 2023
उन्होंने कहा कि 2024 में भी नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे, क्योंकि वह देश को लूट कर अपना घर भरने वाले नेता नहीं हैं। पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती मंगलवार को पांच दिवसीय प्रवास पर वाराणसी पहुंचे हैं। वे 5 दिनों तक चलने वाली संगोष्ठी, दीक्षांत और धर्मसभा में शामिल होंगे।
पुरी के शंकराचार्य ने रामचरितमानस को लेकर चल रहे विवाद पर भी शास्त्र अनुसार बातें कहीं. उन्होंने कहा कि जिस रामचरितमानस में समुद्र के बोलने की बात कहीं गईं है तो इसका भी विरोध करना चाहिए, समुद्र कभी बोलता थोड़ी न है. जिस शब्द को और पंक्तियों को लेकर हंगामा मचा है, उसका तात्पर्य पीटना नहीं बल्कि किसी को सजाना और संवारना है.
सनातन धर्म को कमजोर न समझें:
Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati ने मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना मदनी बयान पर कहा कि ‘मदनी हैं कौन? सनातन धर्म को कमजोर नहीं समझना चाहिए. कोई यदि बातों को सुन रहा है और सहिष्णुता के साथ कोई जवाब नहीं दे रहा तो उसे कमजोर मत समझिए.’ पुरी के शंकराचार्य ने बागेश्वर धाम पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री का समर्थन किया. कहा कि ‘मुझसे उन्होंने मुलाकात की थी. मुझे वह कहीं से गलत नहीं लगे. वह सनातन धर्म को बचाने और उसे सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहे हैं. ईश्वर का नाम लेते हैं. वह अपने मुंह से कभी नहीं कहते कि मैं चमत्कार करता हूं.’
सभी को सनातन धर्म मानना चाहिएः
Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati ने कहा कि अल्लाह शब्द संस्कृत का शब्द माना जाता है. जिनको व्याकरण का अध्ययन होगा, वह भी अच्छे से जानते होंगे कि यह शब्द संस्कृत से लिया गया है. अल्लाह शब्द का शाब्दिक अर्थ मातृशक्ति से होता है. भले ही वह अब इसको किसी भी रूप में प्रयोग कर रहे हो. उन्होंने कहा कि चाहे मुस्लिम हो या ईसाई, हर धर्म निकला सनातन धर्म से ही है.
भगवान विष्णु के नाभि से ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई. सनातन धर्म के जरिए ही सभी उत्पन्न हुए हैं. इसलिए सभी सनातन धर्म के ही लोग हैं. अब भले ही वह अपने आप को किसी धर्म का मान रहे हों इसलिए सभी के पूर्वज श्री हरि विष्णु ही हैं और उनकी नाभि से हुई उत्पत्ति की वजह से ही सनातन धर्म(Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati) को ही सभी लोगों को मानना चाहिए.’
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