Hidma Dead: हिड्मा का जन्म करीब 1981 में छत्तीसगढ़ के Sukma जिले के पुवर्ती गाँव में हुआ था। वे Communist Party of India (Maoist) (CPI-Maoist) के भीतर एक बहुत प्रभावशाली कमांडर बने। उन पर कई बड़े हमले orchestrate करने का आरोप था—जैसे 2010 के Dantewada ambush में CRPF जवानों की हताहत संख्या आदि।
1. हिड्मा कौन था(Who Was Madvi Hidma?)
माडवी हिड्मा छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का रहने वाला टॉप नक्सली कमांडर था। वह CPI-Maoist की PLGA Battalion-1 का चीफ था और देश के सबसे खतरनाक नक्सलियों में गिना जाता था। उस पर कई बड़े हमलों में मास्टरमाइंड होने के आरोप थे और उसकी सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था।
2. 18 नवंबर को हिड्मा कैसे मारा गया(How Did Madvi Hidma Die on 18 November?)
18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के Alluri Sitarama Raju जिले में जंगलों में सुरक्षा बलों ने संयुक्त ऑपरेशन(Hidma Dead) चलाया। इस मुठभेड़ में हिड्मा, उसकी पत्नी और उसके बॉडीगार्ड ढेर हो गए। पुलिस के मुताबिक यह सटीक खुफिया इनपुट पर आधारित ऑपरेशन था।
3. एनकाउंटर से पहले हिड्मा की आखिरी मूवमेंट(Hidma’s Last Movements Before the Encounter)
सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हिड्मा अपनी टीम के साथ सीमा क्षेत्र में मूव कर रहा था। वह मीटिंग और भर्ती गतिविधियों के लिए जंगल में सक्रिय था, जिसे ट्रैक कर सेना ने ऑपरेशन शुरू किया।
4. हिड्मा पर लगे कौन-कौन से आरोप थे(Major Attacks Linked to Madvi Hidma)
हिड्मा पर देश के कई बड़े नक्सली हमलों में नेतृत्व का आरोप था—
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2010 दंतेवाड़ा हमला
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2013 झीरम घाटी हमला
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2021 सुकमा-बीजापुर एंबुश
वह पुलिस व सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जाता था।
5. एनकाउंटर की जगह से क्या मिला?
एनकाउंटर साइट से पुलिस को भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक, वायरलेस सेट और नक्सली दस्तावेज मिले। शवों की पहचान करने के बाद अधिकारियों ने पुष्टि की कि मारा गया व्यक्ति हिड्मा ही था।
6. हिड्मा की मौत क्यों बड़ी सफलता मानी जा रही है?
हिड्मा की मौत को सुरक्षा एजेंसियों ने बहुत बड़ी कामयाबी(Who Was Madvi Hidma) बताया है। वह पिछले 15–20 सालों से जंगलों में दहशत का चेहरा बना हुआ था। उसके खात्मे से नक्सल नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
7. लोगों और सरकार की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश सरकार ने इस ऑपरेशन को ऐतिहासिक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “रक्तपात और आतंक के चेहरे का अंत हुआ है।” सोशल मीडिया पर भी यह खबर तेजी से ट्रेंड कर रही है।
8. आगे क्या बदल सकता है?
विशेषज्ञों के अनुसार हिड्मा की मौत के बाद नक्सली संगठनों में नेतृत्व का संकट पैदा हो सकता है। क्षेत्र में विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि सुरक्षा बलों ने कहा है कि अभियान आगे भी जारी रहेगा।
Hidma Jhiram Ghati Attack History:
खूंखार नक्सली हिड़मा पर 1 करोड़ का इनाम था और वह 2004 से 27 से ज्यादा बड़े हमलों का मास्टरमाइंड रहा जिसमें झीरम घाटी कांड, बुर्कापाल नरसंहार और दंतेवाड़ा में 76 जवानों की हत्या शामिल है. जानिए कैसे एक दुबला-पतला लड़का बस्तर का सबसे खतरनाक नक्सली कमांडर बन गया.
बुर्कापाल हमला (अप्रैल 2017)
इस हमले ने CRPF को झकझोर दिया था. सड़क निर्माण को सुरक्षा दे रही CRPF की टीम पर हिड़मा ने घात लगाकर हमला किया. चंद मिनटों में 24 जवान शहीद हो गए. जांच में पता चला कि हमला पूरी तरह से हिड़मा स्टाइल. पहले जंगल में गहरे फैल जाना, जवानों को खुली जगह तक खींचना. अचानक चारों ओर से बारूदी हमला और फिर 20 सेकंड के भीतर गायब.
मुख्य तथ्य:
• जन्म: 1981, पूवर्ति, सुकमा (छत्तीसगढ़)
• पद: पीएलजीए बटालियन नंबर 1 का प्रमुख(Who Was Madvi Hidma) — माओवादियों की सबसे घातक हमलावर इकाई।
• वह CPI (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा सदस्य था।
• वह बस्तर क्षेत्र से सेंट्रल कमेटी में शामिल होने वाला एकमात्र आदिवासी था।
• उसके सिर पर 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
• हिड़मा के साथ उसकी दूसरी पत्नी राजे (राजक्का) भी मारी गई।
• असली नाम: संतोष
मुख्य हमले जिनमें वह शामिल था(Hidma Dead):
• 2010 दंतेवाड़ा हमला: 76 सीआरपीएफ जवान शहीद(Who Was Madvi Hidma)
• 2013 झीरम घाटी नरसंहार: 27 लोग मारे गए, जिनमें शीर्ष कांग्रेसी नेता शामिल
• 2021 सुकमा-बीजापुर मुठभेड़: 22 सुरक्षा कर्मी शहीद

