Ganesh Chaturthi 2023 में देश में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। महाराष्ट्र में इसे बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, हालांकि हर शहर इसे मनाता है। महाराष्ट्र के शहर में गणपति के बड़े-बड़े पंडाल लगाए जाते हैं और लोगों की भीड़ उनके दर्शन करने के लिए उमड़ती है, ऐसा किसी और शहर में नहीं देखा जा सकता।
लेकिन कभी आपने ये गौर किया है कि गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र, गोवा और तेलंगाना जैसे शहरों में अधिक लोकप्रिय है। यहां गणेश जी के बड़े-बड़े पंडाल लगते हैं। हर एक घर में गणेश जी की प्रतिमा भव्य स्वागत कर के लाई जाती है। पूरा मुंबई शहर गणेश चतुर्थी के रस में सरोकार रहता है।
Ganesh Chaturthi 2023 Muhurat time in Hindi
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गणेश चतुर्थी 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12:39 बजे शुरू होगी और 19 सितंबर को रात 8:43 बजे समाप्त होगी. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.’
गणेश चतुर्थी कब है 2023 मुहूर्त?
ये है गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त अरविंद मिश्र की मानें तो भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. ऐसे में ये गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर को मनाया जाएगा.
सिर्फ इन्हीं शहरों में क्यों रहती है धूम?
आइए जानें कि महाराष्ट्र की ही गणेश चतुर्थी क्यों है इतनी प्रसिद्ध।
- गणेश चतुर्थी का पर्व मुंबई और पुणे में एक सामाजिक त्योहार के रूप में मनाया जाता रहा है। इसे गणेश उत्सव भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन भगवान गणेश जी के जन्म को त्योहार की तरह मनाते हैं और गणेश जी को गणपति बप्पा(Ganesh Chaturthi 2023) कहते हैं।
- यह 11 दिन तक चलने वाला त्योहार है, जिसमें सभी अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा लेकर आते हैं और पूजन के बाद विसर्जित करते हैं।
- देश भर में मनाए जाने के अलावा इस त्योहार की चकाचौंध मुंबई और पुणे में कुछ अलग ही होती है। गणेश जी के बड़े पंडाल, भव्य आरती और भव्य श्रृंगार इसका हिस्सा बनते हैं।
- पेशवा युग में मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में, महाराष्ट्र के हर गांव और हर घर में गणपति बप्पा की पूजा होती थी क्योंकि गणेश जी पेशवा के कुल देवता थे।
- समय के साथ इनके साम्राज्य में गिरावट होने के साथ गणपति उत्सव में भी गिरावट हो गई।
- लेकिन फिर आजादी की जंग लड़ने वाले लोकमान्य तिलक ने इस उत्सव को फिर से शुरू करने का प्रयास किया।
- वर्तमान में होने वाले गणेश उत्सव की शुरुआत 1892 में हुई जब पुणे निवासी कृष्णाजी पंत मराठा द्वारा शासित ग्वालियर गए। वहां उन्होंने पारंपरिक गणेश उत्सव देखा और पुणे वापस आकर अपने मित्र बालासाहब नाटू और भाऊ साहब लक्ष्मण जावले जिन्हें भाऊ रंगारी के नाम से भी जाना जाता था, उनसे इस बात का जिक्र किया।
- भाऊ साहब जावले ने इसके बाद पहली गणेश मूर्ति की स्थापना की।
- लोकमान्य तिलक ने 1893 में अपने अखबार केसरी में जावले के इस प्रयास की प्रशंसा की और अपने कार्यालय में गणेश जी की बड़ी मूर्ति की स्थापना की।
- इनके प्रयास से ही यह पारंपरिक त्योहार एक भव्य सुसज्जित सामाजिक त्योहार बनता गया।
- तिलक ने ही पहली बार गणेश जी की सामाजिक तस्वीर और मूर्ति जनता में लगाई और दसवें दिन इसे नदियों में विसर्जित करने की परंपरा बनाई। जिसके बाद बड़े-बड़े गणेश उत्सव हर जाति धर्म के लोगों को मिलाकर भव्य मैदानों और पंडालों में होने लगे जिससे सभी भारतीयों में एकता होने लगी क्योंकि ब्रिटिश द्वारा इस तरह एक जगह एकत्रित होने पर प्रतिबंध था। गणेश उत्सव के सामने ये प्रतिबंध काम नहीं करते।
- तिलक ने गणेश जी को ‘सबके भगवान’ कहा और गणेश चतुर्थी को भारतीय त्योहार घोषित किया।
घर पर गणेश पूजा कितने बजे करना है?
द्रिक पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि पर घर में भगवान गणेश का स्वागत(Ganesh Chaturthi 2023) करने का शुभ समय 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे शुरू होगा और 19 सितंबर को दोपहर 1:43 बजे समाप्त होगा।
गणेश चतुर्थी के लिए पूजा का समय क्या है?
इस साल गणेश चतुर्थी 31 अगस्त, बुधवार को है और विसर्जन 9 सितंबर, शुक्रवार को होगा। मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त सुबह 11:05 बजे शुरू होगा और दोपहर 01:38 बजे समाप्त होगा । चतुर्थी तिथि 30 अगस्त 2022 को दोपहर 03:33 बजे से 31 अगस्त 2022 को दोपहर 03:22 बजे तक रहेगी.
गणेश चतुर्थी कौन सी तारीख को है?
इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व मंगलवार 19 सितंबर को शुरू होगा। वहीं दसवें दिन 28 सितंबर को गणपति की मूर्ति विसर्जन की जाएगी। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है।
नए घर में गणेश पूजा कैसे करें(Ganesh Ji Ki Puja Vidhi)?
हिंदू पूजा रीति-रिवाजों के अनुसार, आपको पहले दिन अपने नए घर में भगवान गणेश की तस्वीर या मूर्ति लेकर प्रवेश करना चाहिए। भगवान को घर के ईशान कोण में रखें। मूर्ति के सामने दो दीपक जलाने चाहिए. भगवान को प्रसाद, जैसे मिठाई, फूल और फल दें।
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घर में गणेश जी की पूजा कैसे करें?
इस तरह करें भगवान गणेश की पूजा (Ganesh Ji Ki Puja Vidhi) भगवान गणेश को फूल, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि का चढ़ाएं. इसके बाद गणेश जी को सूखे सिंदूर का तिलक लगाएं. भगवान गणेश को दूर्वा जरूर चढ़ाएं. इसके बाद गणेश जी की आरती करें और उनके मंत्रों का जाप करें.
गणेश जी को भोग कैसे लगाएं?
भगवान को इसका भोग जरूर लगाएं. घी और गुड़: मान्यता है कि भगवान गणेश को प्रसाद में मीठी चीजें बहुत प्रिय होती हैं. आप गुड़ और देसी घी से बनी हुई बर्फी या इन चीजों को सीधे भी उनके समक्ष रख सकते हैं. घी और गुड़ की बर्फी बनाते समय इसमें पीसे हुए नारियल का जरूर इस्तेमाल करें
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