CM Dr. Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नरेश चंद्र सिंह राजा की जयंती पर विधानसभा में पुष्पांजलि सभा

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CM Dr. Mohan Yadav: आज विधानसभा के सेंटर हाल में माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी ने पूर्व मंत्री स्वर्गीय नरेश चंद्र सिंह राजा की जन्मदिन पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की पूर्व मंत्री स्वर्गीय नरेश चंद्र सिंह राजा का जन्म 21 नवंबर 1908 को हुआ। वे अपने पिता स्वर्गीय राजा बहादुर जवाहर सिंह सी.आई. ई  के राजकाल में शिक्षा मंत्री तथा प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी के पद पर कार्य किया 1936 –1937 में महानदी की भयंकर बाढ़ के समय सहायता कार्य में सक्रिय भाग लिया भारत के विभिन्न वर्षो मेंआदिवासी सम्मेलनों की अध्यक्षता की।
सन 1952 में विधानसभा सदस्य तथा मंत्रिमंडल के सदस्य व 1956 तक लोक निर्माण विभाग विद्युत तथा आदिवासी कल्याण विभाग के मंत्री व 1957 में आदिवासी कल्याण विभाग की मंत्री रहे वे दिनांक 13 मार्च 1969 से 25 मार्च 1969 तक 12 दिनों के संक्षिप्त काल में मंत्री राज्य के मुख्यमंत्री रहे।

CM Dr. Mohan Yadav ने विधानसभा परिसर में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नरेशचंद्र सिंह को दी श्रद्धांजलि

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नरेशचंद्र सिंह की जयंतीa

उल्लेखनीय  है कि माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री ,पूर्व माननीय अध्यक्षों की जयंती की अवसर पर पुष्पांजलि कार्यक्रम की परंपरा प्रारंभ की है ।
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नरेशचंद्र सिंह की जयंती
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक श्री भगवान दास सबनानी विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री अरविंद शर्मा एवं विधानसभा के अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित गणमान्य लोक उपस्थित रहे

कौन थे नरेशचंद्र सिंह?

स्व. नरेशचंद्र सिंह मध्यप्रदेश के 6वें मुख्यमंत्री रहे और प्रदेश के इतिहास में पहले तथा अब तक के एकमात्र जनजातीय (राज गोंड) मुख्यमंत्री थे। उनका मुख्यमंत्री कार्यकाल 13 मार्च 1969 से 25 मार्च 1969 तक रहा, जो राजनीतिक अस्थिरता और संविद सरकार की परिस्थितियों के कारण मात्र 13 दिनों का था।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में क्या कहा सीएम ने?

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि नरेशचंद्र सिंह ने जनजातीय समाज के उत्थान, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। उन्होंने कहा कि अल्प अवधि के बावजूद नरेशचंद्र सिंह का नेतृत्व मध्यप्रदेश की राजनीतिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
इस अवसर पर विधायक भगवान दास सबनानी, विधानसभा के प्रमुख सचिव सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

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शासक से जनसेवक तक—एक प्रेरक यात्रा

नरेशचंद्र सिंह का जन्म 21 नवंबर 1908 को हुआ था। वे सारंगढ़ रियासत के राजवंश से थे और राजा के रूप में अपने राज्य का शासन संभालते थे। 1948 में सारंगढ़ रियासत का भारत संघ में विलय होने तक वे इसके शासक रहे। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और 1951 के पहले आम चुनाव में मध्यप्रदेश विधानसभा का चुनाव जीतकर विधायक बने।

जनजाति कल्याण के पहले मंत्री

नरेशचंद्र सिंह प्रदेश के पहले जनजाति कल्याण मंत्री रहे। इसके अलावा उन्होंने बिजली विभाग और लोक निर्माण विभाग (PWD) का दायित्व भी संभाला। 1952 से 1969 तक वे लगातार मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। उनकी कार्यशैली और जनहित में लिए गए निर्णय आज भी राजनीतिक इतिहास में महत्वपूर्ण उदाहरण माने जाते हैं।

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प्रदेश की राजनीतिक विरासत में विशेष स्थान

स्व. नरेशचंद्र सिंह न केवल मध्यप्रदेश के जनजातीय समाज की आवाज थे, बल्कि प्रशासनिक और सामाजिक सुधारों के अग्रदूत भी रहे। कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधियों ने कहा कि उनकी निष्ठा, सरलता और सेवा भावना भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।

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