Bhopal Nurse Death Case: सक्सेस और बेहतर भविष्य की तलाश में नर्मदापुरम से भोपाल आई एक नर्स की दर्दनाक मौत ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। भोपाल नर्स सुसाइड केस में सामने आया है कि जेके अस्पताल में पदस्थ 30 वर्षीय नर्स मेघा यादव ने एनेस्थीसिया ओवरडोज(Anaesthesia Overdose Case) लेकर आत्महत्या कर ली। इलाज के दौरान गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई। इस मामले में परिजनों ने लिव-इन पार्टनर पर धोखा देने और भावनात्मक शोषण का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
Bhopal Nurse Death Case
मेघा यादव करीब पांच साल पहले पढ़ाई और करियर बनाने के उद्देश्य से नर्मदापुरम से भोपाल आई थी। मजदूरी करने वाले पिता ने कठिन हालात के बावजूद उसकी पढ़ाई जारी रखी। मेघा ने भोपाल से BSc Nursing की पढ़ाई पूरी की और JK Hospital Bhopal में नौकरी हासिल की। परिवार के अनुसार, वह अपने माता-पिता को भी भविष्य में भोपाल लाकर साथ रखने का सपना देखती थी।
भोपाल में रहने के दौरान मेघा की पहचान कोलार क्षेत्र में हुक्का लाउंज और कैफे संचालित करने वाले रूपेश से हुई। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और शादी के वादे पर दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे। करीब चार साल तक साथ रहने के बाद अचानक रूपेश ने मेघा से दूरी बना ली। बीते एक महीने से वह न तो फोन उठा रहा था और न ही मिलने को तैयार था।
मृतका के भाई राजा यादव का आरोप है कि मार्च 2025 में रूपेश खुद मेघा को लेकर नर्मदापुरम गांव आया था और माता-पिता से शादी की बात की थी। परिवार ने भी सहमति दे दी थी। लेकिन कुछ समय बाद रूपेश(JK Hospital Bhopal) ने यह कहकर शादी से इनकार कर दिया कि उसके परिजन इंटरकास्ट मैरिज के लिए तैयार नहीं हैं। इस फैसले से मेघा मानसिक रूप से टूट गई थी।
पुलिस के अनुसार, बुधवार रात एक युवक मेघा को बेहोशी की हालत में JK Hospital Bhopal लेकर पहुंचा और खुद को उसका मुंहबोला भाई बताकर भर्ती कराकर चला गया। बाद में खुलासा हुआ कि वह युवक वही लिव-इन पार्टनर रूपेश था। अस्पताल से सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। मेघा के किराए के कमरे से इंजेक्शन और सिरिंज बरामद की गई हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। मोबाइल फोन भी जब्त कर कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और चैट की जांच की जा रही है।
कोलार थाना प्रभारी संजय सोनी ने बताया कि Bhopal Nurse Death Case की जांच सभी पहलुओं से की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है। परिजनों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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परिवार के मुताबिक, आत्महत्या से पहले मेघा ने अपने भांजे से फोन पर बात की थी और वह सामान्य लग रही थी। देर रात रूपेश ने ही मेघा के फोन से परिजनों को अस्पताल में भर्ती होने की सूचना दी(Bhopal Nurse Death Case), लेकिन जब वे अस्पताल पहुंचे तो वह वहां मौजूद नहीं था।
यह घटना एक बार फिर लिव-इन रिलेशनशिप, भावनात्मक शोषण, मानसिक स्वास्थ्य और भरोसे जैसे गंभीर मुद्दों पर सवाल खड़े करती है। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

