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Vishwakarma Puja 2023: विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त कितने बजे? शुभ मुहूर्त और पूजा महत्व

Vishwakarma puja 2023: विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को

Vishwakarma Puja 2023: विश्वकर्मा पूजा कल 17 सितंबर दिन रविवार को है. भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा हर साल 17 सितंबर को बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है. इस दिन विश्वकर्मा भगवान की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती हैं. विश्वकर्मा जी ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र और सृष्टि के पहले शिल्पकार और इंजीनियर थे. भगवान विश्वकर्मा जी ने ही देवी-देवताओं के लिए तमाम अस्त्र-शस्त्र समेत स्वर्गलोक, इंद्रलोक, लंका नगरी, द्वारिका नगरी आदि का निर्माण किया था. आइए जानते है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूरी जानकारी…

विश्वकर्मा पूजा कितने तारीख को होता है?(Vishwakarma Puja 2023)

इस बार विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को होगी. Vishwakarma Puja 2023 Date: इस बार 17 सितंबर को होगी विश्वकर्मा पूजा. Vishwakarma Puja 2023 Date: हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का खास महत्व है.

विश्वकर्मा जयंती पूजा विधि

फिर पूरी जगह गंगाजल से छिड़काव करें। पूजा के लिए सबसे पहले पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें और फिर चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें और माला पहनाएं। इसके बाद हाथ में फूल और अक्षत लेकर ध्यान करें। इसके बाद फूल अक्षत लेकर मंत्र पढ़ें और चारो ओर छिड़कें।

विश्वकर्मा पूजा कब और कैसे करें?

भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के लिए आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठ जाएं और उसके बाद सबसे पहले गंगाजल से मूर्ति या उनके चित्र को स्नान कराएं और उसके बाद अक्षत, रोली, हल्दी, चंदन, फूल, रोली, मौली, फल-फूल, धूप-दीप, मिष्ठान आदि अर्पित करें.

विश्वकर्मा जी का मंत्र क्या है?

ऊं आधार शक्तपे नमः ऊं कूमयि नमः ऊं अनंतम नमः ऊं पृथिव्यै नमः ऊं श्री सृष्टतनया सर्वसिद्धया विश्वकर्माया नमो नमः।” मान्यता है कि विश्वकर्मा जी की चार भुजाएं हैं जिनमें वह पुस्तक, कमंडल, फंदा और औजार धारण करते हैं और इनके मस्तक पर सुशोभित मुकुट और शरीर पर सोने के आभूषण भगवान विश्वकर्मा के सौंदर्य को बढ़ाते हैं।

विश्वकर्मा पूजा कब है 2023 शुभ मुहूर्त?

विश्वकर्मा पूजा का समय- 17 सितंबर को पूरे दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाएगी। लेकिन इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस अवधि में पूजन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

विश्वकर्मा की पूजा कैसे करनी चाहिए?

विश्वकर्मा ध्यान मंत्र

ऊं आधार शक्तपे नमः ऊं कूमयि नमः ऊं अनंतम नमः ऊं पृथिव्यै नमः ऊं श्री सृष्टतनया सर्वसिद्धया विश्वकर्माया नमो नमः।” मान्यता है कि विश्वकर्मा जी की चार भुजाएं हैं जिनमें वह पुस्तक, कमंडल, फंदा और औजार धारण करते हैं और इनके मस्तक पर सुशोभित मुकुट और शरीर पर सोने के आभूषण भगवान विश्वकर्मा के सौंदर्य को बढ़ाते हैं।

विश्वकर्मा गायत्री मंत्र

ॐ सर्वेश्वरांय विदमहे, विश्वरक्षकाय धीमहि । तन्नो विश्वकर्मा प्रचोदयात ।। श्री विश्वकर्मा । सकल सृष्टी के कर्ता रक्षक स्तुती धर्मा ।।

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